Ground Zero (2025) Hindi Movie Review in Hindi: Real Operation, Real Emotions, Real Impact

ग्राउंड ज़ीरो (2025) का रिव्यू: इमरान हाशमी की दमदार परफॉर्मेंस के साथ एक सच्ची देशभक्ति मिशन पर आधारित थ्रिलर। जानिए पूरी समीक्षा, कहानी, अभिनय और निर्देशन के बारे में।

ग्राउंड ज़ीरो (2025) मूवी रिव्यू: इमरान हाशमी की दमदार वापसी एक सच्ची देशभक्ति मिशन के साथ

निर्देशक: तेजस प्रभा विजय देओस्कर

मुख्य कलाकार: इमरान हाशमी, साई तम्हणकर, जोया हुसैन

प्रोडक्शन: एक्सेल एंटरटेनमेंट, टैलिसमैन फिल्म्स, ड्रीमज़क्राफ्ट एंटरटेनमेंट

रिलीज़ डेट: 25 अप्रैल 2025

भाषा: हिंदी

शैली: एक्शन, थ्रिलर

समय: 134 मिनट

कहानी की झलक (बिना स्पॉइलर)

ग्राउंड ज़ीरो एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है जो 2003 में हुए ऑपरेशन ग़ाज़ी बाबा पर केंद्रित है। यह कहानी है बीएसएफ ऑफिसर नरेंद्रनाथ धर दुबे (इमरान हाशमी) की, जिन्हें एक खतरनाक आतंकवादी — ग़ाज़ी बाबा को ढूंढकर खत्म करने की ज़िम्मेदारी दी जाती है।

यह ऑपरेशन सिर्फ एक मिशन नहीं, बल्कि दुबे के लिए एक भावनात्मक यात्रा भी है, क्योंकि वह उसी कश्मीर घाटी में पले-बढ़े हैं जो अब आतंक से जूझ रही है। मिशन में दुबे को न सिर्फ दुश्मनों से, बल्कि अपनी खुद की यादों और दर्द से भी लड़ना होता है।

अभिनय

इमरान हाशमी

इमरान हाशमी ने इस फिल्म में अब तक का सबसे गंभीर और परिपक्व अभिनय किया है। वो न तो सिर्फ एक एक्शन हीरो हैं, न ही सिर्फ एक देशभक्त, बल्कि एक ऐसा इंसान हैं जो अपने अतीत से भी लड़ रहा है। उनका कश्मीरी बैकग्राउंड, संघर्ष और आत्मसंयम, सबकुछ बहुत सधा हुआ लगता है।

साई तम्हणकर

दुबे की पत्नी के रोल में साई तम्हणकर का अभिनय सशक्त और भावनात्मक है। उनका किरदार छोटा है लेकिन प्रभावशाली है, खासकर जब वह अपने अतीत की पीड़ा को शब्दों में नहीं, नजरों से बयां करती हैं।

जोया हुसैन

जोया एक स्थानीय संपर्क सूत्र की भूमिका में हैं जिसकी निष्ठा को लेकर पूरी फिल्म में सस्पेंस बना रहता है। उनका किरदार कहानी में एक जरूरी ट्विस्ट जोड़ता है।

निर्देशन और लेखन

तेजस प्रभा विजय देओस्कर ने एक गंभीर और संवेदनशील विषय को बिना अतिनाटकीयता के बेहद संतुलित ढंग से प्रस्तुत किया है। कहानीकार संचित गुप्ता और प्रियदर्शी श्रीवास्तव ने पटकथा को यथार्थवादी और दिल को छू लेने वाला रखा है।

हालांकि कुछ हिस्सों में कहानी थोड़ी धीमी हो जाती है, खासकर बीच के हिस्से में, लेकिन अंतिम 30 मिनट दर्शकों को पूरी तरह से सीट से बांधे रखते हैं।

तकनीकी पक्ष

कैमरावर्क (Kamaljeet Negi) शानदार है। कश्मीर की वादियों को उन्होंने डर और सुंदरता दोनों के नजरिए से दिखाया है। हर फ्रेम में एक भाव छिपा होता है।

बैकग्राउंड स्कोर (John Stewart Eduri) तनाव और थ्रिल को बढ़ाता है, वहीं गाने (Tanishk Bagchi, Rohan-Rohan, Sunny Inder) कहानी की गति को धीमा किए बिना भावनाओं को उभारते हैं।

मुख्य थीम्स

  • देशभक्ति बनाम मानवता
  • पहचान और जड़ें
  • बलिदान और फर्ज
  • कश्मीर का सामाजिक-सांस्कृतिक यथार्थ

फिल्म की खूबियाँ

  • इमरान हाशमी का शानदार और गंभीर अभिनय
  • सच्ची घटना पर आधारित प्रभावशाली कहानी
  • उच्च स्तरीय कैमरा वर्क और बैकग्राउंड स्कोर
  • देशभक्ति और संवेदनशीलता का संतुलन
  • यथार्थवादी एक्शन सीक्वेंस

कमज़ोर पक्ष

  • फिल्म का मध्य भाग थोड़ा धीमा है
  • विलेन ग़ाज़ी बाबा को और प्रभावशाली तरीके से दिखाया जा सकता था
  • कुछ सहायक पात्रों को बेहतर विस्तार मिल सकता था

बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन

₹50 करोड़ के बजट पर बनी ग्राउंड ज़ीरो ने लगभग ₹10 करोड़ की कमाई की। हालांकि यह व्यावसायिक रूप से बड़ी हिट नहीं बन सकी, लेकिन क्रिटिक्स और दर्शकों ने इसे सार्थक और गंभीर सिनेमा के तौर पर सराहा है। यह फिल्म ओटीटी पर लंबे समय तक चर्चा में रह सकती है।

निष्कर्ष

ग्राउंड ज़ीरो एक ऐसी फिल्म है जो ना केवल देशभक्ति को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि एक सैनिक की भावनाएं, अतीत और इंसानियत भी कितनी महत्वपूर्ण होती हैं। इमरान हाशमी ने एक बार फिर साबित किया है कि वो सिर्फ रोमांस या सस्पेंस ही नहीं, बल्कि देश के नायकों की कहानी को भी दमदार तरीके से पर्दे पर ला सकते हैं।

Best Movie Review(BMR) Rating: 7.5/10

Leave a Comment